प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन सत्र से पहले संसद के सदस्यों से अपील की है कि वे बाहर की पराजय का गुस्सा संसद में न उतारें और लोकतंत्र को राजनीति का मंच बनाने से बचें। उन्होंने कहा है कि देश में ठंड धीमी गति से बढ़ रही है, लेकिन राजनीतिक गर्मी तेजी से बढ़ रही है, और इस गर्मी को कम करने के लिए सभी सदस्यों को सहयोग करने का आग्रह किया है।
उन्होंने बताया कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम लोगों की आकांक्षाओं को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हैं और सभी सांसदों से योजनाओं और मुद्दों पर सकारात्मक रूप से चर्चा करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के साथियों को सत्ता समर्थक, सुशासन और पारदर्शिता के बारे में भी तंज कसते हुए कहा है कि देश ने नकारात्मकता को नकारा है और लोकतंत्र का मंदिर महत्वपूर्ण है।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने संसद के सदस्यों से बाहर की पराजय का गुस्सा न उतारने की अपील की है और चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बावजूद सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने का कहा है। उन्होंने सभी सांसदों से गहन चर्चा करने और विधेयकों पर विचार-विमर्श करने की बड़ी जिम्मेदारी को ध्यान में रखने की आग्रह की है।