पहलगाम अटैक के बाद सरकार ने 48 रिसॉर्ट, कई पर्यटन स्थल किए बंद, घाटी में सुरक्षा बेहद कड़ी

श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के आतंकी हमले के बाद से सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. अब सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आधे से ज्‍यादा पर्यटन स्थल बंद कर दिए. पहलगाम हमले के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है. सरकार की तरफ से यह कदम सुरक्षा चिंताओं के बीच उठाया गया है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी.

घाटियों और खूबसूरत पहाड़ों के लिए मशहूर केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम 48 रिसॉर्ट बंद कर दिए गए हैं. दूधपात्री और वेरीनाग जैसे कई पर्यटन स्थलों को भी पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि एक परेशानी वाली बात ये है कि जिन टूरिस्ट स्पॉट को बंद किया गया है, वो स्थानीय लोगों की कमाई का जरिया भी है. ऐसे में उनके बंद हो जाने से इसका असर लोगों की आजीविका पर भी पड़ना तय है.

घाटी के घूमने आ रहे सैलानियों ने क्या कहा
पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद भी सैलानी मंगलवार को भद्रवाह में प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए आते रहे. सैलानियों ने हमले की निंदा की है और कहा है कि उन्हें भारत के कश्मीर में आने से कोई नहीं रोक सकता. घाटी घूमने आए एक सैलानी ने कहा, “पहलगाम में कुछ दिन पहले हुआ हमला, पाकिस्तान द्वारा किया गया कृत्य बहुत शर्मनाक है और हमारी सरकार उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी. पर्यटकों पर हमला करने के पीछे उनका उद्देश्य यहां पर्यटन को कम करना था, लेकिन ऐसा नहीं होगा. कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा. यह मातृभूमि हमारी है, हम यहां आए हैं और आते रहेंगे. हम यहां सुरक्षित महसूस करते हैं. डरने की कोई बात नहीं है और भारतीय सेना यहां है. यहां के लोग बहुत अच्छे हैं, यहां कोई समस्या नहीं है…”,

पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी के संवेदनशील इलाकों में स्थित करीब 50 सार्वजनिक पार्क और उद्यान बंद कर दिए गए हैं.

पर्यटकों के लिए खतरे की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के गेट बंद कर दिए गए हैं.

आने वाले दिनों में सूची में और स्थानों को जोड़ा जा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि बंद किए गए पर्यटक स्थल कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में हैं.

इनमें पिछले 10 वर्षों में खोले गए कुछ नए स्थल भी शामिल हैं. पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित किए गए स्थानों में दूषपथरी, कोकरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान शामिल हैं.

हालांकि अधिकारियों ने इस संबंध में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन इन स्थानों पर प्रवेश रोक दिया गया है.

दक्षिण कश्मीर के कई मुगल गार्डन के मामले में, इन स्थानों के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं.

कश्मीर हमारा है, हम यहां आने से नहीं डरेंगे
एक अन्य सैलानी ने कहा कि अगर वे जम्मू-कश्मीर जाना बंद कर देते हैं, तो इससे केवल यह पता चलेगा कि वे डरे हुए हैं. सैलानी ने कहा, “कुछ लोगों ने हमें वहां न जाने के लिए कहा, लेकिन हमने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि यह सिर्फ़ यह दिखाने के लिए था कि हम डरे हुए हैं… हम इन जगहों पर यूं ही जाना जारी रखेंगे और यह दिखाना चाहते हैं कि हम मज़बूत हैं. हमें उम्मीद है कि देश इसका मुंहतोड़ जवाब देगा. ” एक अन्य ने कहा, “कश्मीर हमारा है और जो कुछ भी हुआ, वह हमें यहां आने से नहीं रोक पाएगा. हम भारतीय हैं और हमें किसी भी चीज़ से डर नहीं लगेगा. यह हमारे लिए स्वर्ग है.”

पहलगाम में आतंकी हमला
पहलगाम में आतंकी हमला 22 अप्रैल को लोकप्रिय बैसरन घास के मैदान में हुआ था, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें देश भर से 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए. इस बीच, अहमदाबाद के सैलानी ऋषि भट्ट, जो हाल ही में पहलगाम हमले के दौरान ज़िपलाइनिंग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वह “भारतीय सेना के आभारी हैं” जो “20-25 मिनट” के भीतर पहुंच गए. भट्ट ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “सेना ने 20-25 मिनट के भीतर पहलगाम को कवर कर लिया. उन्होंने 18-20 मिनट के भीतर सभी को कवर दे दिया… सेना द्वारा कवर दिए जाने के बाद हम सुरक्षित महसूस करने लगे. मैं भारतीय सेना का आभारी हूं.” उन्होंने कहा, “हमने जल्द ही भारतीय सेना के जवानों को अपने सामने पाया. उन्होंने सभी को कवर दिया.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *