कोर्ट के आदेश पर सूरजकुंड के हाईप्रोफाइल विवाह स्थल ‘जन्नत वैली’ पर अवैध कब्जे के 8 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

फरीदाबाद। सूरजकुंड-बड़खल रोड पर स्थित हाई प्रोफाइल विवाह स्थल “जन्नत वैली” पर जबरन कब्जा करने के आरोप में फरीदाबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर सूरजकुंड पुलिस स्टेशन में 8 लोगों के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मजिस्ट्रेट नवीन कुमार-I एफआईआर का आदेश मेसर्स वेडिंग पार्क हॉस्पिटैलिटीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर शिकायत के जवाब में दिया था, जिसमें शिकायतकर्ता का दावा था कि वह “जन्नत वैली” का वास्तविक पट्टेदार और डेवलपर है।

कंपनी के डायरेक्टर संदीप अरोड़ा उर्फ करण और श्वेता शर्मा के मुताबिक फरीदाबाद के सूरजकुंड में स्थित 15 एकड़ जमीन को दिसंबर 2017 में मुंबई की वेडिंग एंड इवेंट मैनेजमेंट कंपनी वेडिंग पार्क हास्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने जमीन की मालिक बालेश देवी भड़ाना और उनके बेटे से 9 साल के लिए रजिस्टर्ड लीज पर लिया था। कंपनी ने उस जमीन पर 7 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर तीन विवाह स्थल बनाए और उस एरिया को ‘जन्नत वैली’ के नाम से डेवलप किया।

कंपनी डायरेक्टर्स का आरोप है कि जून 2024 में उन्हें जबरन और अवैध तरीके से जन्नत वैली से बेदखल कर दिया गया। बालेश देवी भड़ाना और उनके बेटों रोहित और मोहित भड़ाना सहित मुख्य आरोपियों ने कथित तौर पर एक प्रतिद्वंद्वी विक्रेता, जैन कैटरर्स एंड डेकोर से जुड़े पांच अन्य लोगों के साथ परिसर को जब्त करने की साजिश रची। उन्होंने ताले बदल दिए, सुरक्षा ढांचे को हटा दिया, और बिना किसी अदालती आदेश या उचित कानूनी प्रक्रिया के पट्टाधारक के नाम, सद्भावना और भौतिक संपत्तियों का उपयोग करके परिसर से खुद जन्नत वैली का संचालन शुरू कर दिया। जबकि वेडिंग पार्क हास्पिटैलिटी के साथ पट्टा खत्म होने की तारीख 30 नवंबर 2026 है।

अदालत ने अवैध कब्जे के आरोपों को स्वीकार किया और पुलिस कार्रवाई का आदेश दिया। अपने विस्तृत आदेश में, अदालत ने शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर ध्यान दिया, जिनमें लीज़ डीड, तस्वीरें, वीडियो फुटेज, पुलिस शिकायतें और दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश भी शामिल हैं, जिसमें वेडिंग पार्क हॉस्पिटैलिटीज को वैध पट्टाधरक के रूप में मान्यता दी गई थी और अवैध कब्जे के आरोपियों को इसमें हस्तक्षेप करने से रोक दिया था। संदीप अरोड़ा के मुताबिक अदालत के निर्देशों के बावजूद, आरोपी ने अवैध रूप से जन्नत वैली का संचालन करना जारी रखा, लिहाजा उन्हें हस्तक्षेप के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

वैध पट्टाधारक कंपनी के डायरेक्टर्स का यह भी कहना है कि पिछले एक साल से उन पर भूमि मालिकों दुआरा प्रेशर बनाया जा रहा था कि किराया दुगना करो या छोड़ के जाओ, ऊपर से फारेस्ट वालों के डेमोलिशन का डर बनाकर कौड़ियों में पूरा सामान और इंफ्रास्ट्रक्चर बेचकर जाने का ऑफर दिया जा रहा था, और जब हमने ये ठगी वाला ऑफर मंजूर नहीं किए तो जबरन धोके से हमसे क़ब्ज़ा ले लिया हमारे करोड़ो के सामान और स्ट्रक्चर समेत। छह साल से हमारा जमा जमाया बिज़नेस और नाम भी छीन लिया।

प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध के साक्ष्य पाते हुए, अदालत ने सूरजकुंड पुलिस स्टेशन के एसएचओ को अवैध पट्टाधारक अंकित जैन और उसके साझेदारों सहित सभी आठ नामित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया, जो वर्तमान में अवैध रूप से जन्नत वैली परिसर का संचालन कर रहे हैं। अदालत के आदेश पर दर्ज एफआईआर में बीएनएस के तहत आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य, आपराधिक धमकी, जबरन वसूली, डराने या अपमान करने के इरादे से अतिक्रमण और साजिश की धाराएं लगाई गई हैं। गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में शादी जैसे समारोहों के लिए जन्नत वैली की काफी डिमांड है और महीनों पहले से ही इसकी बुकिंग हो जाती है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि जन्नत वैली की जमीन के मालिकाना हक़ को लेकर भी कुछ कानूनी विवाद चल रहे हैं।

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