इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में सुनील कुमार पाठक की पुस्तक ‘लीगल फर्स्ट एड’ का विमोचन

नई दिल्ली। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) के मल्टीपर्पज हॉल में मंगलवार को कानूनी विशेषज्ञ सुनील कुमार पाठक की किताब ‘लीगल फर्स्ट एड’ का विमोचन हुआ। पुस्तक विमोचन समारोह में भारतीय लॉ फर्म्स के अध्यक्ष और बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ललित भसीन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पुस्तक चर्चा में हिस्सा लेते हुए डॉ. भसीन ने कहा कि आज पूरे देश में 6 करोड़ केस लंबित हैं। लोगों को समय पर न्याय न मिल पाना चिंता का विषय है। ऐसे में आम लोग मुकदमेबाजी के खतरे उठाने की बजाय समझौता करना बेहतर समझते हैं। लेकिन सवाल ये है कि न्याय कहां है? सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल डॉ. पिंकी आनंद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रमोद दुबे ने गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर पुस्तक चर्चा में हिस्सा लिया। डॉ. पिंकी आनंद ने कहा कि अदालत तक आम आदमी की पहुंच कम है, लोगों के पास ज्ञान का भी अभाव है। कानून की बेसिक समझ होना बहुत जरूरी है, जिसमें ऐसी पुस्तक मददगार साबित हो सकती है। एडवोकेट प्रमोद दुबे ने कहा कि कानूनी मुद्दों को जमीनी स्तर पर उठाया जाना चाहिए। जागरूकता बहुत जरूरी है, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। ज्ञान की कमी के कारण लोग अदालत की ओर दौड़ते हैं। इसलिए यह पुस्तक समय की मांग है।

पुस्तक के लेखक सुनील कुमार पाठक ने बताया ‘लीगल फर्स्ट एड’ आम नागरिकों को कानूनी अधिकारों और प्रक्रियाओं की जानकारी प्रदान करने के लिए लिखी गई है। यह किताब हर व्यक्ति के लिए एक कानूनी गाइड की तरह है, जो विभिन्न प्रकार के अपराधों, अधिकारों और कानूनी प्रक्रिया को सरल और व्यावहारिक तरीके से समझाती है। इस किताब में कानूनी अधिकार और विभिन्न अपराधों के लिए प्रावधान, किसी भी कानूनी स्थिति में सही कदम उठाने के तरीके, पुलिस जांच, सबूतों का प्रबंधन और कोर्ट की कार्यवाही की प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल किए गए हैं।

लेखक के मुताबिक किताब को एक “फर्स्ट एड किट” के रूप में तैयार किया गया है, जिससे नागरिक कानूनी चुनौतियों का आत्मविश्वास और समझदारी के साथ सामना कर सकें। पुस्तक चर्चा में देश के कई जाने-माने कानूनी विशेषज्ञ और विद्वान पैनलिस्ट के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट लीगल के मैनेजिंग पार्टनर सुधीर मिश्रा ने किया।

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