हरियाणा विधानसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट के निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘पीयूष गोयल पार्टी के बड़े नेता हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन पीयूष जी ने जिस प्रत्याशी के प्रचार के दौरान मेरे बारे टिप्पणी की उन्होंने शायद हकीकत नहीं बताई गई। उस प्रत्याशी ने बादशाहपुर विधानसभा सीट से 2009 में भाजपा तो 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ा। उन दोनों ही चुनावों में वह बुरी तरह हारे। इसके बाद 2014 में भाजपा से उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, स्वर्गीय सुषमा स्वराज और हरियाणा भाजपा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इन सभी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया था। वह वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर वायरल है। इस सबके बावजूद भाजपा ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, आखिर यह कहां कहां का न्याय है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताजी का स्वर्गवास हुआ तो उस समय यही प्रत्याशी डीजे बजाकर अपने जन्मदिन का उत्सव मना रहे थे।’ इसके साथ ही नवीन गोयल ने यह भी कहा, ‘मैं गुरुग्राम की जनता के प्रति पूरी तरह समर्पित हूं और इसीलिए मैं मैं रॉयल भी हूं और लॉयल भी।’
इससे पहले बीते गुरुवार को पीयूष गोयल पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के लिए गुरुग्राम पहुंचे थे जहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने नवीन गोयल को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करें अन्यथा शुक्रवार के बाद उनके लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे।
इधर, इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नवीन गोयल ने पीयूष गोयल के बयान पर पलटवार करते हुए यह भी कहा कि वह जनता के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और शहर की जनता का उन्हें पूरा समर्थन है ऐसे में अब पीछे हटने का कोई सवाल नहीं उठता है। इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद छह सितंबर को नवीन गोयल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता के साथ ही पार्टी के तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया था और चुनावी मैदान में ताल ठोंक दी थी। गोयल के चुनावी मैदान में आने से गुरुग्राम सीट पर भाजपा जातिगत आंकड़ों में उलझती नजर आ रही है। इस विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पहली बार ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया, लेकिन यह उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। इसकी एक वजह यह भी है कि एक अन्य ब्राह्मण चेहरे जीएल शर्मा की टिकट कटने पर उनके कई समर्थक और संगठन अब नवीन के पाले में जाते नजर आ रहे हैं। वहीं नवीन गोयल को ब्राह्मण के साथ वैश्य समाज भी अपना समर्थन देता दिखाई पड़ रहा है। पंजाबी नेताओं ने भी खुलकर नवीन गोयल को मदद करने का वादा करते हुए उनकी कई सभाएं अपने एरिया में कराकर भाजपा के साथ ही कांग्रेस की मुसीबत बढा दी है जिससे भाजपा प्रत्याशी मुकेश शर्मा की धड़कन बढ़ी हुई हैं। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक नवीन गोयल के बागी सुर ने भाजपा शीर्ष नेतृत्व को भी परेशानी में डाल दिया है।