मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है, जिसमें पार्टी ने 230 सीटों में से 163 सीटों पर विजय प्राप्त की है। इस जीत के बाद, मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री की चर्चा काफी चर्चित हो रही है। बीजेपी ने चुनावों में किसी व्यक्ति के चेहरे पर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा और इस रणनीति में सफल रही। पार्टी ने 23-0 विधानसभा सीटों में से 163 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गई है।
मुख्यमंत्री पद के लिए रेस में शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद सिंह पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे नेताएं हैं। इसके अलावा, ब्राह्मण नेता वीडी शर्मा और राजेंद्र शुक्ला भी मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं। बीजेपी के 166 सीटों की जीत ने पार्टी को विभिन्न विकल्पों को चुनने की स्वतंत्रता प्रदान की है, जो मुख्यमंत्री पद के लिए योजना बना रहे हैं।
मध्य प्रदेश राज्य प्रमुख शिवराज सिंह चौहान ने एक इंटरव्यू में कहा है कि कोई भी नेता अपने बारे में कोई फैसला नहीं लेता है और वह पार्टी के तय करते हैं। इसके अलावा, कैलाश विजयवर्गीय की चर्चा भी तेज है, और उन्हें गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माना जा रहा है। हालांकि, उनके पश्चिम बंगाल में रेस केस में नाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं पर असर हो सकता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस समय की चर्चा में कहा है कि उन्हें सीएम पद की रेस में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता और वह हमेशा पार्टी के कार्यकर्ता रहेंगे। उनका मुख्यमंत्री बनने पर आत्म-दृढ़ता दिखाने का कयास है।
चुनावी परिणामों के बाद, बीजेपी को विभिन्न विकल्पों का चयन करने का मौका मिला है, और जल्दी ही मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा।