‘एमडीएच मेरे गांव की मिट्टी’- जागरुकता अभियान के नागौर पहुंचने पर किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं

नागौर। देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराने और फसल की गुणवत्ता के साथ – साथ आय में इजाफा करने के लिए दिल्ली से नागौर पहुंचे ‘मेरे गांव की मिट्टी’ शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओ,’ जागरुकता अभियान नागौर के 50 से ज्यादा गावों के किसानों को जागरुक कर चुका है। अभियान के तहत किसानों को पेस्टीसाइड का इस्तेमाल कम से कम करने के लिए प्रेरित किया गया।

इस मौके पर एमडीएच परिवार से सुरेश राठी ने दो अति महत्वपूर्ण घोषणाएं देश भर के किसानों के लिए की हैं। पहली घोषणा है कि एमडीएच उन किसानों को बाजार भाव से अतिरिक्त मूल्य देगा, जिनकी उपज विदेशी बाजार और देश के तय बाजार के मानकों के अनुसार होगी और जिनमें पेस्टीसाइड नहीं के बराबर पाया जाएगा।
सुरेश राठी ने बताया कि 50 गांवों में करीब 3000 से ज्यादा किसान अभी तक जागरुकता अभियान का हिस्सा बने हैं और संकल्प ले रहे हैं कि कम से कम पेस्टीसाइड का प्रयोग करेंगे। बतौर इंडस्ट्री हमारा दायित्व है कि किसानों को कारोबार में आ रही समस्या के बारे में अवगत करवाऐं और सुनिश्चित करें कि उपभोक्ताओं तक शुद्ध खाद्य पहुंचे।
इस अवसर पर शरद राठी ने बताया कि कंपनी जल्द ही नागौर में लैब बनाएगी ताकि किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता की जांच नागौर में ही हो और सही माल के उन्हें बाजार भाव से ज्यादा पैसे मिलें। उन्होंने बताया कि मेरे गांव की मिट्टी मुहिम को देश के अन्य हिस्सों में भी चलाए जाने पर काम हो रहा है।
सुरेश मनचन्दा ने बताया कि भारत से साल 2023-24 में मसालों का कुल निर्यात 4.46 अरब डॉलर का हुआ है, जिससे पता चलता है कि अगर मसाला इंडस्ट्री और सरकार मिलकर किसानों को पेस्टीसाइड को लेकर शिक्षित करें तो 2030 तक भारतीय मसाला कारोबार 20 अरब डॉलर का हो सकता है। यानी 5 साल में 5 गुणा बढ़ोतरी। राजस्थान में जीरा, लालमिर्च, धनिया, मेथी दाना, मेथी पत्ता की बेहतरीन फसल होती है। किसान भी चाहते हैं कि उसके उत्पाद विदेशी बाजारों में उचित कीमत पर बिकें।

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