बाल कल्याण से जुड़े कार्यक्रम के 1000 दिनों के अनुभव पर सेमिनार आयोजित

नई दिल्ली। नीति आयोग के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम “फर्स्ट 1000 डेज ऑफ लाइफ इन एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम” को धरातल पर पहुंचाने वाले प्रमुख गैर सरकारी संगठनों विक्रमाशिला और वैन लीर फाउंडेशन के सहयोग से नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर के टमरिंड हॉल में आज एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का मकसद उन अनुभवों को साझा करना था जो साल 2022 में ओडिशा के कोरापुट और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में शुरू किए गए कार्यक्रम से हासिल हुए। सेमिनार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी तृप्ति गुरहा ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों का खास ख्याल रखें क्योंकि बचपन में ही बच्चों के विकास की नींव पड़ती है। कार्यक्रम में नीति आयोग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, कोरापुट और फतेहपुर के जिला मजिस्ट्रेट समेत कई अधिकारी शामिल हुए। नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पाल ने भी अपने अनुभव साझा किए और बच्चों के शुरुआती हजार दिन पर खास सावधानी बरते की बात कही। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का मकसद चिकित्सकों, शिक्षाविदों, बाल रोग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, सरकारी अधिकारियों और नागरिक समाज संगठनों को एक साथ लाना था। इस दौरान इस कार्यक्रम को लेकर जागरूकता बढ़ाने और सफलता से जुड़ी कहानियां साझा की गईं। उन्होंने बताया कि देश के अन्य जिलों में भी इस पहल को आगे बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है। एनजीओ विक्रमशिला और वैन लीयर फाउंडेशन का इस आयोजन में विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम की आयोजक माइस एम्पोरियो इंडिया ने उम्मीद जतायी कि कार्यक्रम में हुए मंथन से बच्चों के हजार दिन को लेकर समझ में नई जागरुकता आएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *