महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह आज उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक रैली को संबोधित करेंगे. उनके इस मेगा इवेंट को व्यापक रूप से शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ उनकी पार्टी पर उन्हें बर्खास्त करने का दबाव भी बढ़ रहा है. विनेश फोगाट साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित भारत के शीर्ष पहलवान विरोध कर बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में काफी राजनीतिक रसूख रखने वाले सांसद की गिरफ्तारी एक विवादास्पद मुद्दा बन चुकी है. पिछले हफ्ते खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि उनके खिलाफ जांच 15 जून तक पूरी कर ली जाएगी, लेकिन उनकी गिरफ्तारी पर कुछ नहीं कहा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “हमने आश्वासन दिया है कि जांच 15 जून तक पूरी कर ली जाएगी और चार्जशीट दायर की जाएगी, जबकि कुश्ती महासंघ के लिए निर्दलीय चुनाव 30 जून तक होंगे.”
पहलवानों के गृह मंत्री अमित शाह से मिलने और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग करने के कुछ दिनों बाद खेल मंत्री के साथ बैठक हुई. अमित शाह ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि कानून सबके लिए समान है,साथ ही पहलवानों से कहा, “कानून को अपना काम करने दें.” अपनी गिरफ्तारी के लिए बढ़ते अभियान के बीच, बृजभूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए पिछले हफ्ते कहा था, ‘अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है तो मैं फांसी लगा लूंगा.
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि वो नार्को टेस्ट या पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को तैयार हैं. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने एक बयान जारी कर पहलवानों को हिरासत में लेने की निंदा की और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच में “परिणामों की कमी” की आलोचना की. UWW ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को 45 दिनों के भीतर WFI के लिए नए सिरे से चुनाव कराने के अपने वादे की याद दिलाई और चेतावनी दी कि ऐसा करने में विफल रहने पर महासंघ को निलंबित किया जा सकता है.