टिमरनी (Dist. हरदा, MP.) – टिमरनी के सेंट मेरी स्कूल में वही पुरानी महंगी दामों की किताबें फिर से इस सत्र में लगा दी गई है। जबकि शासन के नियम अनुसार एनसीईआरटी की पुस्तक ही लगाना अनिवार्य है लेकिन स्कूल समिति ने अपनी मोटी कमाई के चलते महंगे दामों की प्राइवेट बुक्स लगा दी है। एनसीईआरटी की बुक्स में स्कूल संचालक को कमीशन नहीं मिल पाता है लेकिन वहीं प्राइवेट बुक्स लगाने पर स्कूल संचालक को अच्छा खासा कमीशन मिलता है, सेंट मेरी स्कूल टिमरनी ने पिछले सत्र में भी कुछ ऐसा ही किया था जिसके नुकसान का असर बच्चों के पालकों पर पड़ता है।
इस विषय में पहले भी शिकायत की जा चुकी है, परंतु स्थानीय शासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि खुले रूप से महंगी पुस्तके बेची जा रही है। जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर इन स्कूल पर और ऐसे दुकानदार पर कार्रवाई करना चाहिए। पालक काफी नाराज है, उन्हें महंगी पुस्तकों के साथ कॉपियां भी थोपी जा रही है जबकि कॉपियां बाजार में 20 से 30 पर्सेंट छूट पर मिल रही है।
यदि पालक कापी लेने से मना करता है तो उन्हें पुस्तक भी नहीं दी जा रही है, ऐसे में पालकों का प्राइवेट शिक्षण संस्थानों से भरोसा उठ रहा है जो की शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत ही निंदनीय है।
पालकों को स्कूल द्वारा 1 विशेष दुकान (बालाजी जनरल स्टोर्स टिमरनी) का ही नाम बताया जा रहा है जहां पालकों को किताबों के साथ 25 से 28 कॉपियां जबरन थोपी जा रही हैं वो भी MRP पर और वहीं अन्य दुकानों पर कॉपियां डिस्काउंट पर मिल रही है। परंतु पालकों को एक ही दुकान से पुस्तकें लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
जिले के अधिकारी पालकों की कई बार शिकायत करने पर भी अब तक मोन बैठे हैं। स्कूल संचालक का ये व्यवसाय न सिर्फ चिंता का विषय है बल्कि शिक्षा क्षेत्र में दीमक की तरह पालकों पर बोझ बनकर भ्रष्ट तरीके बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ है जहां उनके माता पिता उन्हें अच्छी शिक्षा के लिए प्राइवेट स्कूल में भर्ती करवाते है और कुछ स्कूल शिक्षा के नाम पर पालकों को लूटते है।
इस विषय को शिक्षा विभाग को गंभीर रूप से संज्ञान में लाने को आवश्यकता है जिससे पालकों के साथ ही रही ठगी को रोका जा सके। और ऐसे दुकानदार पर भी उचित कार्यवाही की जा सके।