उमर अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, जिनमें उन्होंने कहा, “मुझे निराशी है, लेकिन मेरा हतोत्साह अदृश्य नहीं है।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 पर दिए गए फैसले का सौंदर्यपूर्ण और विस्तृत रूप से समीक्षा की। उमर अब्दुल्ला ने फैसले पर अपनी भावनाएं सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से व्यक्त कीं, जिसमें उन्होंने अपने आत्मविश्वास को साबित करते हुए कहा है कि वह निराश हैं, लेकिन हतोत्साहित नहीं हैं और उनका संघर्ष जारी रहेगा।

उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा, “निराश हूं लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा। यहां तक पहुंचने में बीजेपी को दशकों लग गए। हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं।”

इसके साथ ही, अन्य राजनेता भी फैसले का समर्थन और विरोध जता रहे हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने फैसले को “दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि “हमें इसे स्वीकार करना होगा।” कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी फैसले का स्वागत किया और जल्दी से जल्दी चुनाव कराने की बात की।

फैसले के पश्चात, उच्चतम न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 30 सितंबर तक कराए जाएं। इससे पहले केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित करने का निर्णय लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की शक्ति देने का समर्थन किया और फैसले की वैधता को बरकरार रखा है। यह फैसला नेताओं और जनता के बीच में विभिन्न प्रतिक्रियाओं को उत्पन्न कर रहा है, जो जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के भविष्य को लेकर चर्चा कर रहे हैं।

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